निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर पूछे गए प्रश्न के उत्तर के रूप में सही विकल्प का चयन करें: आज के आधुनिक युग में व्यक्ति का जीवन अपने स्वार्थ तक सीमित होकर रह गया है। प्रत्येक कार्य के पीछे स्वार्थ प्रमुख हो गया है। समाज में अनैतिकता, अराजकता और स्वार्थपरता का बोलबाला हो गया है। परिणामस्वरूप भारतीय संस्कृति और उसका पवित्र तथा नैतिक स्वरूप धुँधला-सा हो गया है। इसका एक कारण समाज में फैल रहा भ्रष्टाचार भी है। भ्रष्टाचार के इस विकराल रूप को धारण करने का सबसे बड़ा कारण यही है कि इस अर्थप्रधान युग में प्रत्येक व्यक्ति धन प्राप्त करने में लगा हुआ है। मनुष्य की आवश्यकताएँ बढ़ जाने के कारण वह उन्हें पूरी करने के लिए मनचाहे तरीकों को अपना रहा है। कमरतोड़ महँगाई भी इसका एक प्रमुख कारण है। हमें हमारे समाज में फन फैला रहे इस विकराल नाग को मारना होगा। सबसे पहले आवश्यक है प्रत्येक व्यक्ति के मनोबल को ऊँचा उठाना। यही नहीं शिक्षा में कुछ ऐसा अनिवार्य अंश जोड़ा जाए जिससे हमारी नई पीढ़ी प्राचीन संस्कृति तथा नैतिक प्रतिमानों को संस्कार स्वरूप लेकर विकसित हो । न्यायिक व्यवस्था को कठोर करना होगा तथा सामान्य जन को आवश्यक सुविधाएँ भी सुलभ करानी होंगी। इसी आधार पर आगे बढ़ना होगा तभी इस स्थिति में | कुछ सुधार की अपेक्षा की जा सकती है। |
भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए न्यायिक व्यवस्था को कैसा बनाना होगा? |
कठिन कठोर सरल उपयोगी |
कठोर |
सही उत्तर विकल्प (2) है → कठोर |