Practicing Success

Target Exam

CUET

Subject

Hindi

Chapter

Comprehension - (Narrative / Factual)

Question:

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्न के लिए सही विकल्प चुन कर लिखिए
देहदान शब्द सुनते या पढ़ते ही सबसे पहला विचार जो दिमाग में आता है वह मृत्यु अवश्यंभावी है | आज नहीं तो कल कोई पहले तो कोई बाद में मृत्यु को प्राप्त करता है | मृत्यु के नाम से ही मन में भय का संचार होने लगता है | मानव शरीरधारी भगवान राम और कृष्ण को भी समय आने पर यह शरीर त्यागना पड़ा था | जो जन्म के साथ ही निर्धारित है उससे भय कैसा उससे बचने का कोई उपाय नहीं है चाहे कोई कितना ही बलवान धनवान या तपस्वी हो इस से बच नहीं पाया | सारे संसार के पुराने इतिहास इस बात के गवाह है |प्राचीन या वर्तमान विज्ञान कितना ही उन्नत हो गया हो लकिन मृत्यु पर विजय हासिल करना एक सपना ही है | फिर इस क्षणभंगुर और अंत में राख़ के ढेर में बदलने वाले शरीर या उसके अंगों को किसी जरूरतमंद के लिए समर्पित कर देने में क्या हर्ज़ है और फिर इसे पाने के लिए आपने स्वयं कोई प्रयास नहीं किया है या धन भी खर्च नहीं किया|

मृत्यु के नाम से भय क्यों लगता है ?

Options:

भय स्वाभाविक है

भय नहीं होना चाहिए

यह जन्म के साथ जुदा है

मृत्यु से डरना अस्वाभाविक है

Correct Answer:

भय स्वाभाविक है

Explanation:

दिए गए गद्यांश के अनुसार, मृत्यु के नाम से भय इसलिए लगता है क्योंकि मृत्यु एक अज्ञात है। हम नहीं जानते कि मृत्यु के बाद क्या होता है। हम नहीं जानते कि हमारे साथ क्या होगा। यह अनिश्चितता ही हमें भयभीत करती है।

उपर्युक्त विकल्पों में से, केवल भय स्वाभाविक है ही मृत्यु के नाम से भय के कारण का सही अर्थ है। अन्य विकल्प गद्यांश के संदर्भ में प्रासंगिक नहीं हैं।