निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए : |
कैसे समाज का पतन अवश्यंभावी है ? |
जो उन्नति के शिखर पर है । जो एकता के सूत्र में बंधा नहीं है । जो विकासशील है । जो विकसित नहीं है। |
जो एकता के सूत्र में बंधा नहीं है । |
जो समाज एकता के सूत्र में बँधा नहीं रहता है, उसका पता अवश्य होता है। सही उत्तर (2) जो एकता के सूत्र में बंधा नहीं है। है। गद्यांश में बताया गया है कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और समाज अलग-अलग इकाइयों का समूहबद्ध रूप है, जिसमें हर इकाई समाज को शक्तिशाली बनाती है। जब समाज एकता के सूत्र में बंधा नहीं होता है, तो समाज कमजोर हो जाता है और उसका पतन अवश्यंभावी हो जाता है। उदाहरण के लिए, भारत की परतंत्रता इसी फूट का परिणाम थी। भारत के राजा-महाराजे एक-दूसरे के साथ युद्ध करते रहते थे। इससे देश में अशांति फैल गई और अंग्रेजों ने इसका फायदा उठाकर भारत पर कब्जा कर लिया। दूसरी ओर, भारत की आजादी भी एकता के कारण ही संभव हुई। भारत के लोग एकजुट होकर अंग्रेजों के खिलाफ लड़े और उन्हें भारत से बाहर निकाल दिया। इस प्रकार, स्पष्ट है कि समाज का पतन अवश्यंभावी है, जब वह एकता के सूत्र में बंधा नहीं होता है। |