निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर उससे संबंधित प्रश्नों के उत्तर दिजिए- सामने कुछ खाली जगह थी, जिसके चारों ओर से गुजरने वाली सड़कों से किस्म-किस्म की गाड़ियों का आना-जाना लगा हुआ था। यह काफी व्यस्त इलाका था। तभी हमारी निगाह सड़क के उस पार गई, जहाँ एक छरहरे बदन वाली लम्बी-सी युवती किसी को रोककर उसके सिगरेट से अपनी सिगरेट सुलगा रही थी। फिर हल्के से गरदन झुका कृतज्ञता प्रकट कर, कश लगाती आगे बढ़ गई। मेरे भीतर एक चुहल पनपी, काश वह हमारे विभास जी की सिगरेट से सिगरेट सुलगाती तब कुछ न कुछ तो हमारे अन्दर भी जरूर सुलगता। मगर भारतीय भद्रता का तकाजा था, हमने ऐसा कुछ व्यक्त नहीं किया। यह बात माननी पड़ेगी कि फ्रांसीसियों में एक खास तरह की मुलायमियत है, एक उन्मुक्तता, जो उनके पूरे जीवन व्यवहार को ही मोहक बना देती हे मेरे कवि मित्र अग्निशेखर इन बातों को स्वीकार तो करते हैं लेकिन उनका मानना है कि उदारीकरण से उनके भीतर एक किस्म का शातिरपना भी पनपा है। आखिर पूँजी जीवन की काव्यात्मकता को तो नष्ट करती ही है। हम अन्दर से पूरी तरह भरे हुए थे तभी हमारी निगाह पटरियों पर किनारे एकदम सिकुड़कर बैठे अपने शरीर को पूरी तरह लिहाफ से ढके एक फ्रेंच आदमी पर गई। उसने चेहरा भी ढँक रखा था शायद उसे याचना में संकोच हो रहा हो। यह भी सम्भव था कि उसने ठंड से बचने के लिए ऐसा किया हो। |
उपरोक्त गद्यांश का उचित शीर्षक क्या होगा? |
यूरोप यात्रा विदेश यात्रा फ्रांस की धरती यात्रा |
फ्रांस की धरती |
सही उत्तर विकल्प (3) है → फ्रांस की धरती |