'हीन-भावना' शब्द में कर्मधारय समास होता है।
कारण:
- कर्मधारय समास में पहला पद विशेषण के रूप में दूसरे पद की विशेषता बताता है।
- 'हीन-भावना' में 'हीन' विशेषण है जो 'भावना' की विशेषता बताता है। यह दोनों शब्दों के अर्थ को मिलाकर एक नया अर्थ बनाता है, "खुद को कमतर समझने की भावना"।
- अन्य विकल्पों पर विचार करें:
- अव्ययिभाव समास में दूसरा पद अव्यय होता है। 'भावना' अव्यय नहीं है, इसलिए यह यहाँ लागू नहीं होता।
- द्वंद समास में दोनों पद समान रूप से प्रधान होते हैं और बिना किसी संयोजक के जुड़े होते हैं। यह 'हीन-भावना' पर लागू नहीं होता।
- बहुव्रीहि समास में पहले पद से क्रिया के बिना क्रिया का अर्थ निकलता है। 'हीन-भावना' से कोई क्रिया का अर्थ नहीं निकलता, इसलिए यह भी लागू नहीं होता।
इसलिए, 'हीन-भावना' में कर्मधारय समास होता है। |