निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्नों के उत्तर: यह चिट्ठी महात्मा मोहनदास करमचंद गांधी को पहुँचे। महात्मा जी, मैं न संसद सदस्य हूँ, न विधायक, न मंत्री, मे नेता। इनमें से कोई कलंक मेरे ऊपर नहीं है। मुझमें कोई ऐसा राजनीतिक ऐब नहीं है कि आपकी जय बोलूँ। मुझे कोई पद भी नहीं चाहिए कि राजघाट जाऊँ। मैंने आपकी समाधि पर शपथ भी नहीं ली। आपका भी अब भरोसा नहीं रहा। पिछले मार्च में आपकी समाधि पर मोरारजी भाई ने भी शपथ ली थी और जगजीवन बाबू ने भी। मगर बाबूजी रह गए और मोरारजी प्रधानमंत्री हो गए। आखिर गुजराती ने गुजराती का साथ दिया। जिन्होंने आपकी समाधि पर शपथ ली थी, उनका दस महीने में ही जिंदाबाद से 'मुरदाबाद' हो गया। वे जनता से बचने के लिए बाथरुम में बिस्तर डलवाने लगे हैं। मुझे अपनी दुर्गति नहीं करानी में कभी आपकी समाधि पर शपथ नहीं लूँगा। उसमें भी आप टाँग खींच सकते हैं। |
गद्यांश के अनुसार चिट्ठी किसके पास पहुँचनी चाहिए? |
मोरारजी गुजराती जगजीवन बावू मोहनदास करमचंद गांधी |
मोहनदास करमचंद गांधी |
सही उत्तर विकल्प (4) है → मोहनदास करमचंद गांधी |