Target Exam

CUET

Subject

Hindi

Chapter

व्याकरण - रस

Question:

शांत रस का स्थायी भाव क्या होता है?

Options:

निर्वेद

उत्साह

जुगुप्सा

हास

Correct Answer:

निर्वेद

Explanation:

उत्तर (1) है।

शांत रस का स्थायी भाव निर्वेद होता है। निर्वेद का अर्थ है विषयों से वैराग्य, उदासीनता। जब मनुष्य विषयों के मायाजाल से मुक्त होकर परम सत्य की प्राप्ति कर लेता है, तो उसे निर्वेद की प्राप्ति होती है। निर्वेद की प्राप्ति के बाद मनुष्य में शांति, आनंद और विरक्ति का भाव उत्पन्न होता है।

उदाहरण के लिए,

  • "वन में जाकर संत ने निर्वेद की प्राप्ति की।"
  • "निर्वेद की प्राप्ति के बाद वह सभी सांसारिक मोह-माया से मुक्त हो गया।"
  • "निर्वेद की प्राप्ति के बाद उसके मन में शांति और आनंद का अनुभव हुआ।"

अन्य तीन विकल्प शांत रस के स्थायी भाव के लिए उपयुक्त नहीं हैं। उत्साह का अर्थ है उमंग, प्रेरणा। जुगुप्सा का अर्थ है घृणा, तिरस्कार। हास का अर्थ है हँसी, आनंद।