बहुब्रीहि समास से संबंधित उदाहरण नहीं हैं : A. लंबोदर B. अनुक्रम C. श्वेतांबरा D. विचारमग्न E. दशानन |
केवल B,C,D केवल A,B,E केवल C,D,E केवल A,C,E |
केवल B,C,D |
उत्तर: केवल B, C, D
व्याख्या: यदि किसी सामासिक पद में प्रयुक्त प्रथम एवं द्वितीय दोनों पद अपना मूल अर्थ खोकर अन्य अर्थ प्रकट करने लगे तो उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं। इस समास में शब्द अपने अर्थ को इंगित न कर किसी ओर के लिए प्रयुक्त होते है। लम्बोदर का समास विग्रह 'लम्बा है उदर जिसका अर्थात् गणेश' होता है। यह बहुव्रीहि समास का उदाहरण है। अनुक्रम=क्रम के अनुसार ( अव्ययीभाव समास) श्वेताम्बर में कर्मधारय समास है। विचार मग्न में अधिकरण तत्पुरुष समास है। 'दशानन' शब्द में बहुव्रीहि समास है। 'दशानन' का समास विग्रह होगा 'दस हैं आनन जिसके – रावन'। इसमें 'रावण' के सांकेतिक अर्थ को इंगित किया गया है। अतः इसमें 'बहुव्रीहि समास' है। |