Practicing Success
निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर प्रश्न का उत्तर दीजिए:- पूरब से पश्चिम तक फैली, जिसकी पर्वत-माला है| यही हिमालय अपनी उत्तर, सीमा का रखवाला है|| हिम का मुकुट शीश पर धरता, आसमान से बातें करता | सूरज की स्वर्णिम किरणों में, इसका जगमग रूप निखरता || कल-कल बहते निर्झर जल में, इसने अमृत डाला है| यही हिमालय अपनी उत्तर , सीमा का रखवाला है|| |
हिमालय का स्वरूप किसमें और निखरता है? |
जल में अमृत में सूरज की किरणों में इनमें से कोई नहीं |
सूरज की किरणों में |
हिमालय का स्वरुप सूरज की स्वर्णिम किरणों में और भी निखरता है| |