| निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढकर प्रश्न का उत्तर दीजिए:- प्राचीन समय में मनुष्य छोटे-छोटे समूह बनाकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर भ्रमण करता था | उस समय उसे रहने के ढंग का ज्ञान नहीं था| वह आपस में लड़कर एक दूसरे को कष्ट पहुँचा कर बहुत खुश होते थे | यह बात भी सही थी कि वह आपस में प्रेम करते थे लेकिन यह प्रेम अपने समूह तक ही सीमित था| उस समय,मनुष्य सुख शांति तो चाहता था लेकिन यह नहीं जानता था की सुख कैसे प्राप्त होगा| अपने सुख के लिए दूसरों को दुःख देने का परिणाम यह हुआ की सुख बिलकुल ही समाप्त हो गया| इसलिए महापुरुषों ने सुखी रहने का सबसे सरल उपाय यह बताया है की दूसरों के दुःख को अपना दुःख एंव दूसरों के सुख को अपना सुख मानो तो जीवन सुखी रहेगा| |
| प्रारम्भ से ही मनुष्य का जीवन कैसा रहा है? |
शांतिपूर्ण सुखी अशांत एंव दुखी संघर्ष पूर्ण |
| अशांत एंव दुखी |
| प्रारम्भ से ही मनुष्य का जीवन अशांत और दुखी रहा है| |