Target Exam

CUET

Subject

Hindi

Chapter

Comprehension - (Narrative / Factual)

Question:

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़िए और उससे संबंधित प्रश्नों के उत्तर लिखिए।

'अंतर्विरोध' और 'विरोधाभास वास्तव में अलग-अलग दो परिभाषिक शब्द हैं जिनके विकास की पृथक जमीन भी है, परंतु मार्क्सवादी विचारधारा के विकास क्रम में अर्थगत सामंजस्य के कारण दोनों शब्द परस्पर जुड़ गए हैं। अंतर्विरोध अंग्रेजी के कन्ट्राडिक्शन (Contradiction) का हिंदी पर्याय है। मार्क्सवाद ने ही इसे नया अर्थ दिया है और अब इसी अर्थ के लिए यह शब्द रूढ़ सा हो गया है।

समाज के विकास की प्रक्रिया का विश्लेषण करते हुए मार्क्सवादी विचारकों ने रेखांकित किया कि समाज में मुख्य रूप से दो वर्ग रहते हैं जिनके बीच निरंतर संघर्ष चलता रहता है। यह संघर्ष तब तक चलता रहता है जब तक गुणात्मक परिवर्तन के द्वारा तीसरी ओर नई परिघटना उत्पन्न नहीं हो जाती और नए वर्ग नहीं जन्म ले लेते। नए वर्ग के जन्म लेने के बाद समाज में नए अंतर्विरोध जन्म ले लेते हैं और नया संघर्ष आरंभ हो जाता है। इसी तरह से समाज का विकास होता रहता है। मार्क्सवादी दर्शन के अनुसार समाज का निरंतर विकास होता रहता है। इतिहास कभी पीछे नहीं मुड़ता और न तो इतिहास अपने दुहराता ही है। समाज के विकास की प्रक्रिया इन्हीं अंतर्विरोधों की देन है। ये अंतर्विरोध निरंतर चलते रहते हैं। इनमें एक मुख्य अंतर्विरोध होता है। समाज को बदलने और एक बेहतर समाज व्यवस्था के निर्माण की आकांक्षा रखनेवाले लोगों को इस समाज के यथार्थ का विश्लेषण और मुख्य तथा गोण अंतर्विरोधों की पहचान की जरूरत सर्वाधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके आधार पर संघर्ष की दिशा तय की जाती है। इस तरह 'अंतर्विरोध' शब्द खासतौर पर राजनीतिक चिंतन के क्षेत्र में प्रयुक्त होता था जहां से मार्क्सवादी आलोचना के विकास के दौरान साहित्य में भी प्रयुक्त होने लगा। साहित्य में यह शब्द आमतौर पर आलोचना के क्षेत्र में ही प्रयुक्त होता है।

मार्क्सवादी विचारकों के अनुसार समाज में मुख्य रूप से कितने वर्ग हैं?

Options:

तीन

दो

चार

पाँच

Correct Answer:

दो

Explanation:

सही उत्तर विकल्प (2) है → दो