प्रस्तुत कविता के आधार पर पूछे प्रश्न के उत्तर के रूप में सभी विकल्प का चयन कीजिए:
आये महन्त वसन्त मखमल के झूल पड़े हाथी-सा टीला, बैठे किंशुक छत्र लगा बाँध पाग पीला, चँवर सदृश डोल रहे सरसों के सर अनन्त। आये महन्त वसन्त । श्रद्धानत तरुओं की अंजलि से झरे पात, कोंपल के मुँदे नयन थर-थर-थर पुलक गात, अगरु- धूम लिए झूम रहे सुमन दिग - दिगन्त। आये महन्त वसन्त। खड़खड़ करताल बजा नाच रही विसुध हवा, डाल-डाल अलि-पिक के गायन का बँधा समाँ, तरु-तरु की ध्वजा उठी जय-जय का है न अन्त। आये महन्त वसन्त। |