Practicing Success
"जैसी बहे बयार पीठ तब तैसी दीजे" लोकोक्ति का अर्थ क्या होगा? |
पवन की तरह कभी शीतल और कभी उष्ण होना| समय का रुख देख कर काम करना चाहिए| ऐसा काम करना चाहिए, जिससे संकट में न फंसा जाए| राजनीति में दलबदल करते रहना चाहिए| |
समय का रुख देख कर काम करना चाहिए| |
"जैसी बहे बयार पीठ तब तैसी दीजे" लोकोक्ति का अर्थ है "समय का रुख देख कर काम करना चाहिए"। इस लोकोक्ति में "बयार" का अर्थ है "हवा"। जब हवा चलती है तो उसका रुख बदलता रहता है। इसी तरह, जीवन में भी समय का रुख बदलता रहता है। इसलिए, हमें समय के साथ बदलना चाहिए और समय का रुख देखकर काम करना चाहिए। |