शुभागमन में द्वन्द समास नहीं है।
विश्लेषण:
- द्वन्द समास में दो या दो से अधिक संज्ञाओं को बिना किसी संयोजक शब्द के जोड़कर एक नया शब्द बनाया जाता है। दोनों संज्ञाएं समास में समान रूप से प्रधान होती हैं।
- दालभात, भूतप्रेत और शुभाशुभ में इस नियम का पालन होता है।
- दाल और भात, भूत और प्रेत, तथा शुभ और अशुभ दोनों ही संज्ञाएं समासीकृत पद में प्रधान हैं और उनके अर्थ अलग-अलग पहचाने जा सकते हैं।
- लेकिन शुभागमन में "शुभ" क्रिया विशेषण है जो "आगमन" क्रिया की विशेषता बताता है। यह दोनों के बीच की प्रधानता के नियम का उल्लंघन करता है। इसलिए इसमें द्वन्द समास नहीं है।
इस प्रकार, निम्नलिखित में से शुभागमन में द्वन्द समास नहीं है। |