उपरोक्त गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर दीजिए । आप कहते हैं कि प्राचीन भाषा मर चुकी है और उसे मरे तीन सौ वर्ष हुए। इस पर प्रार्थना है न वह कभी मरी और न उसके मरने के कोई लक्षण ही दिखाई देते हैं। यदि आप कभी आगरा, मथुरा, फर्रुखाबाद, मैनपुरी और इटावे तशरीफ ले जायें तो कृपा करके वहाँ के एक आध अपर प्राइमरी और मिडिल स्कूल का मुआइना न सही तो मुलाहजा अवश्य ही करें। ऐसा करने से आपको मालूम हो जायेगा कि जिसे आप मुर्दा समझ रहे हैं, वह अब तक इन जिलों में बोली जाती है। अगर आपकी इस 'भाखा' नामक भाषा को मरे तीन सो वर्ष हुए तो कृपा करके यह बताइए कि श्रीमान ही के सधर्मी काजिम अली आदि कवियों ने किस भाषा में कविता की है ! 1700 ईसवी से लेकर ऐसे अनेक मुसलमान कवि हो चुके हैं जिन्होंने 'भाखा' में बड़े बड़े ग्रंथ बनाए हैं। हिंदू कवियों की आप खबर न रखते तो कोई विशेष आक्षेप की बात न थी। |
भाखा शब्द का अर्थ है: |
मुर्दा भाषण प्रेम भाषा |
भाषा |
सही उत्तर विकल्प (4) है → भाषा |