| निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ कर प्रश्न के उत्तर दीजिए:- किसी पेड़ पर टाँग दो अपनी निष्ठा,विश्वास,ईमानदारी के अस्त्र-शस्त्र चलते बनो अज्ञातवास की ओर ध्यान रहे इस युग में इसकी कोई समय और सीमा नहीं| पैरों से जुते कन्धों की गाड़ी पर हर इनसान ढो रहा है अपनी ज़िन्दगी स्वयं ही सवार है किस्मत के पथ पर अपनी मिट्टी की गाड़ी पर क्या पता वह कब टकरा जाए उस समय के पत्थर से जो उसे मंजिल की दूरी नहीं, उम्र का हिसाब बता रहा हो शायद बोझ समझ इसलिए वह ज़िन्दगी अपनी मिट्टी की गाड़ी |
| कवि निष्ठा,विश्वास और ईमानदारी को कहाँ टाँगने की बात कर रहा है? |
पेड़ पर दीवार में गडी कील पर कन्धों पर इनमें से कोई नहीं |
| पेड़ पर |
| कवि निष्ठा,विश्वास और ईमानदारी को पेड़ पर टाँगने की बात कर रहा है| |