Practicing Success
निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर प्रश्न का उत्तर दीजिए:- जय-जय प्यारा,जग से न्यारा शोभित सारा, देश हमारा, जगत-मुकुट,जगदीश दुलारा- जग सौभाग्य सुदेश! जय-जय प्यारा भारत देश! स्वर्गिक शीश-फूल पृथ्वी का, प्रेम-मूल, प्रिय सकल विश्व का, सुललित प्रकृति नटी का टीका- ज्यों निशि का राकेश! जय-जय प्यारा भारत देश! कलरव-नित क्लोलिनी गंगा, विविध वेश,भाषा हैं संगा, जागृत कोटि-कोटि जुग जीवे, जीवन सुलभ अमी रस पीवे, सुखद वितान सुकृत का सीवे- रहे स्वतंत्र हमेशा! जय-जय प्यारा भारत देश! |
काव्यांश में 'जगदीश दुलारा' का क्या भाव है? |
ईश्वर की रचना ईश्वर के रहने का स्थान ईश्वर का बेटा ईश्वर का प्रिय |
ईश्वर का प्रिय |
काव्यांश में जगदीश दुलारा का भाव है ईश्वर का प्रिय | |