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वीभत्स रस का स्थायी भाव क्या होता है? |
क्रोध उत्साह शोक जुगुप्सा |
जुगुप्सा |
सही उत्तर जुगुप्सा है। वीभत्स रस का स्थायी भाव जुगुप्सा होता है। जुगुप्सा का अर्थ है "घृणा, घिन, उपेक्षा"। वीभत्स रस में घृणित, अप्रिय, या अश्लील वस्तुओं, विचारों, या घटनाओं का वर्णन किया जाता है, जिससे पाठक या श्रोता में घृणा या उपेक्षा का भाव उत्पन्न होता है। |