नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए: रियासत के कर्मचारियों और रईसों ने जानकीनाथ की तरफ देखा उम्मीदवार दल की आँखें उधर उठीं, मगर उन आँखों में सत्कार था, इन आँखों में ईर्ष्या। सरदार साहब ने फिर फरमाया आप लोगों को यह स्वीकार करने में कोई आपत्ति न होगी कि जो पुरुष स्वयं जख्मी होकर भी एक गरीब किसान की भरी हुई गाड़ी को दलदल से निकालकर नाले के ऊपर चढ़ा दे, उसके हृदय में साहस, आत्मबल और उदारता का वास है ऐसा आदमी गरीबों को कभी न सतावेगा। उसका संकल्प दृढ़ है, जो चित्त को स्थिर रखेगा। वह चाहे धोखा खा जाए, परंतु दया और धर्म से कभी न हटेगा। |
इस गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक बताइए |
दृढ़ संकल्प स्वार्थ पराजय लोलुपता |
स्वार्थ |
सही उत्तर विकल्प (2) है → स्वार्थ |