प्रस्तुत का काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढकर प्रश्नों के उत्तर दीजिए:- जब नहीं था इन्सान धरती पर थे जंगल, जंगल,जानवर,परिंदे इन्सान और घटने लगे जंगल जंगली जानवर परिंदे इन्सान बढने लगा बेतहाशा अब कहाँ जाते जंगल, जंगली जानवर , परिंदे प्रकृति किसकी के साथ नहीं करती नाइंसाफी सभी के लिए बनाती है जगह सो अब इंसानों के भीतर उतरने लगे हैं जंगल ,जंगली जानवर और परिंदे |
कविता के अंत में क्या व्यंग किया गया है? |
इंसानों में अब इंसानियत ख़त्म हो गई है| इंसानों के भीतर जंगल की तरह पेड़ उग आए हैं| इंसानों ने जंगल उगाना शुरू कर दिया है| प्रकृति ने इंसानों के प्रति नाइंसाफी की |
इंसानों में अब इंसानियत ख़त्म हो गई है| |
कविता के अंत में व्यंग किया गया हे की अब इंसानों के भीतर इंसानियत ख़त्म हो गई है| |