Target Exam

CUET

Subject

Hindi

Chapter

Comprehension - (Narrative / Factual)

Question:

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्न के लिए सही विकल्प चुन कर लिखिए
पिता के ठीक विपरीत थीं हमारी बेपढ़ी-लिखी माँ |धरती से कुछ ज्यादा ही धैर्य और सहनशील थी शायद उनमें | पिता जी की हर ज्यादती को अपना प्राप्य और बच्चों की हर उचित-अनुचित फ़रमाइश और ज़िद को अपना फर्ज़ समझकर बड़े सहज भाव से स्वीकार करती थीं वे | उन्होंने ज़िन्दगी भर अपने लिए कुछ माँगा नहीं , चाहा नहीं ..... केवल दिया ही दिया | हम भाई-बहनों का सारा लगाव ( शायद सहानुभति से उपजा) माँ के साथ था , लेकिन निहायत असहाय मज़बूरी में लिप्त उनका यह त्याग कभी मेरा आदर्श नहीं बन सका .....न उनका त्याग , न उनकी सहिष्णुता | खैर , जो भी हो , अब यह पैतृक – पुराण यहीं समाप्त क्र अपने पर लौटती हूँ |

लेखिका ने अपनी माँ के जीवन की क्या विशेषता बताई है ?

Options:

उन्होंने जीवन में दिया ही दिया

उन्होंने जीवनभर पिताजी के अन्याय को सहा

उन्होंने कुछ माँगा नहीं , चाहा नहीं, दिया ही दिया

उन्होंने आजीवन त्याग और सहनशक्ति का परिचय दिया

Correct Answer:

उन्होंने कुछ माँगा नहीं , चाहा नहीं, दिया ही दिया

Explanation:

सही उत्तर है: Option 3 – उन्होंने कुछ माँगा नहीं, चाहा नहीं, दिया ही दिया

गद्यांश में लेखिका ने स्पष्ट रूप से लिखा है:

"उन्होंने ज़िंदगी भर अपने लिए कुछ माँगा नहीं, चाहा नहीं... केवल दिया ही दिया।"

यह वाक्य माँ के त्याग, निःस्वार्थ भावना, और सदैव देने की प्रवृत्ति को सबसे अधिक सटीक रूप में दर्शाता है।

अन्य विकल्प क्यों नहीं:

  • Option 1: "उन्होंने जीवन में दिया ही दिया" – सही तो है, पर अधूरा है।

  • Option 2: "उन्होंने जीवनभर पिताजी के अन्याय को सहा" – यह एक पक्ष है, लेकिन पूरी विशेषता नहीं।

  • Option 4: "उन्होंने आजीवन त्याग और सहनशक्ति का परिचय दिया" – यह भी सही है, लेकिन Option 3 लेखक के मूल वाक्य को शब्दशः और पूर्ण रूप से दर्शाता है।