Practicing Success
निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्न का सही उत्तर दीजिए आज तुम्हें मुक्ति मिली, कौन तुम्हें दास कहे? स्वामी तुम ऋतुओं के संवत के संग-संग चलते चलो। नदियों ने चलकर ही सागर का रूप लिया मेघों ने चलकर ही धरती को गर्भ दिया रुकने का मरण नाम, पीछे सब प्रसार है। आगे है रंगमहल, युग के ही संग-संग चलते चलो। मानव जिस ओर गया नगर बने, तीर्थ बने तुमसे है कौन बड़ा? गगन-सिंधु मित्र बने, भूमि का भोग सुख, नदियों का सोम पियो त्यागो सब जिर्ण वसन, नूतन के संग-संग चलते चलो। |
'तुमसे है कौन बड़ा' कवि ने मनुष्य को सबसे बड़ा क्यों कहा है? |
निरंतर संघर्ष के कारण
सृष्टि के निर्जीव तत्वों को जानने के कारण
सृष्टि के सजीव तत्वो का रहस्य जानने के कारण
सृष्टि के सजीव व निर्जीव तत्वों पर विजय पाने के कारण |
निरंतर संघर्ष के कारण |
कवि ने मनुष्य को सबसे बड़ा इसलिए कहा है क्योंकि वह निरंतर संघर्ष कर रहा है| |