Practicing Success

Target Exam

CUET

Subject

Hindi

Chapter

Comprehension - (Narrative / Factual)

Question:
निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर प्रश्न का उत्तर दीजिए:-
कितने ही कटुतम काँटे तुम मेरे पथ पर आज बिछाओ,
और अरे चाहे निष्ठुर कर का भी धुंधला दीप बुझाओ।
किंतु नहीं मेरे पग ने पथ पर बढ़कर फिरना सीखा है।
मैंने बस चलना सीखा है।
कहीं छुपा दो मंज़िल मेरी चारों और तिमिर-घन छाकर,
चाहे उसे राख कर डालो नभ से अंगारे बरसाकर,
पर मानव ने तो पग के नीचे मंज़िल रखना सीखा है।
मैंने बस चलना सीखा है।
कब तक ठहर सकेंगे मेरे सम्मुख यह तूफान भयंकर कब तक मुझसे लड़ पाएगा इंद्रराज का वज्र प्रखरतर
मानव की ही अस्थिमात्र से वज्रों ने बनना सीखा है ।
मैंने बस चलना सीखा है।
नए विचारों की धारा कब से बह रही है?
Options:
नई ज़िन्दगी मिलने पर
देश के विभाजन के बाद
बंधन के टूटने के बाद
आज़ादी के मिलने के बाद
Correct Answer:
आज़ादी के मिलने के बाद
Explanation:
नए विचारों की धारा आज़ादी मिलने के बाद से बह रही है |