Practicing Success
निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ कर प्रश्न का उत्तर दीजिए:- ब्रह्मा से कुछ लिखा भाग्य में मनुज नहीं लाया है, अपना सुख उसने अपने भुजबल से ही पाया है| प्रकृति नहीं डर कर झुकती है कभी भाग्य के बल से, सदा हारती वह मनुष्य के उद्यम से, श्रमजल से| ब्रह्मा का अभिलेख पढ़ा- करते निरुद्यमी प्राणी, धोते वीर कु-अंक भाल के बहा धुर्वों से पानी| भाग्यवाद आवरण पाप का और शस्त्र शोषण का जिससे रखता दबा एक जन भाग दूसरे जन का | |
प्रकृति मनुष्य के आगे कब झुकती है? |
जब मनुष्य उद्धम और श्रम करता है| जब मनुष्य अंधाधुंध पेड़ों की कटाई कर्ता है| जब मनुष्य विशालकाय रूप धारण कर लेता है| प्रकृति मनुष्य से कभी नहीं डरती | |
जब मनुष्य उद्धम और श्रम करता है| |
प्रकृति मनुष्य के आगे तभी झुकती है जब मनुष्य और उद्धम श्रम करता है| प्रकृति इन्हीं से हार मानती है| |