Target Exam

CUET

Subject

Hindi

Chapter

Comprehension - (Poetry / Literary)

Question:

प्रस्तुत पद्यांश को पढ़कर नीचे दिये हुए प्रश्न का उत्तर दीजिए:-

सच्चाई यह है कि
केवल ऊँचाई ही काफ़ी नहीं होती,
सबसे अलग-अलग
परिवेश से पृथक
अपनों से कटा - बँटा
शून्य में अकेला खड़ा होना,
पहाड़ की महानता नहीं,
मजबूरी है।
ऊँचाई और गहराई में
आकाश-पाताल की दूरी है।
जो जितना ऊँचा
उतना ही एकाकी होता है,
हर भार को स्वयं ही ढोता है,
चेहरे पर मुसकानें चिपका
मन ही मन रोता है।
ज़रूरी यह है कि
ऊँचाई के साथ विस्तार भी हो
जिससे मनुष्य
ठूंठ-सा खड़ा न रहे
औरों से घुले-मिले
किसी को साथ ले
किसी के संग चले
भीड़ में खो जाना
यादों में डूब जाना
अस्तित्व को अर्थ
जीवन को सुगंध देता है।

प्रस्तुत पद्यांश काव्यांश का प्रतीकार्थ हो सकता है-

Options:

पहाड़ की मजबूरी दर्शाती है।

एकाकीपन का दुःख बताती है।

यह कविता प्रकृति से जुड़ी है।

मनुष्य के जीवन में ऊँचाई पाने पर भी सबका साथ न छोड़ने की ओर संकेत करती है।

Correct Answer:

मनुष्य के जीवन में ऊँचाई पाने पर भी सबका साथ न छोड़ने की ओर संकेत करती है।

Explanation:

सही उत्तर विकल्प (4) है → मनुष्य के जीवन में ऊँचाई पाने पर भी सबका साथ न छोड़ने की ओर संकेत करती है।