Practicing Success
निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिये। वह तोड़ती पत्थर; |
कविता किस छंद में लिखी गई है? |
सोरठा छंद दोहा छंद मुक्त छंद रोला छंद |
मुक्त छंद |
मुक्तछन्द (Free verse या vers libre) कविता का वह रूप है जो किसी छन्दविशेष के अनुसार नहीं रची जाती न ही तुकान्त होती है। मुक्तछन्द की कविता सहज भाषण जैसी प्रतीत होती है। हिन्दी में मुक्तछन्द की परम्परा सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' ने आरम्भ की। प्रस्तुत पद्यांश में प्रत्येक पंक्ति में 10-12 मात्राएं हैं। इसके अलावा, इस पद्यांश में किसी भी छंद के नियमों का पालन नहीं किया गया है। इसलिए, यह कविता मुक्त छंद में लिखी गई है। सोरठा छंद: सोरठा छंद में प्रत्येक चरण में 13-11 मात्राएं होती हैं। दोहा छंद: दोहा छंद में प्रत्येक चरण में 13-13 मात्राएं होती हैं। रोला छंद: रोला छंद में प्रत्येक चरण में 13-11-13-11 मात्राएं होती हैं। मुक्त छंद में प्रत्येक पंक्ति की मात्राओं की संख्या अलग-अलग हो सकती है। इसके अलावा, इस छंद में किसी भी छंद के नियमों का पालन करने की आवश्यकता नहीं होती है। |