नीचे दिए गए काव्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्न का सही विकल्प उत्तर रूप में छाँटिए:- इतने ऊँचे उठो कि जितना उठा गगन है। काले गोरे रंग - द्वेष की नये हाथ से, वर्तमान का रूप सँवारो चाह रहे हम इस धरती को स्वर्ग बनाना |
'इतने ऊँचे उठो कि जितना गगन उठा है' पंक्ति का आशय है:- (A) मनुष्य को बहुत ऊँचाई तक यात्रा करनी चाहिए। नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए: |
केवल (E) केवल (A), (B) और (C) केवल (A), (B), (C) और (D) केवल (B) और (D) |
केवल (E) |
सही उत्तर विकल्प (1) है → केवल (E) |