Practicing Success
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्न का उत्तर दीजिए - |
श्रेष्ठ- समाज कौन सा है? |
जिसके सदस्य ज्ञान और कर्म को बराबर महत्व देते है| जिसके सदस्य ज्ञान को कर्म से अलग करते है| जिसके सदस्य गुण को महत्व देते है | जिसके सदस्य गुण और ज्ञान को महत्व देते है | |
जिसके सदस्य ज्ञान और कर्म को बराबर महत्व देते है| |
सही उत्तर जिसके सदस्य ज्ञान और कर्म को बराबर महत्व देते हैं है। गद्यांश में लेखक यह बताते हैं कि वह एक ऐसे समाज की कल्पना करते हैं जिसमें गृहस्थ और संन्यासी के बीच कोई भेदभाव न हो। उनके अनुसार, संन्यासी और गृहस्थ दोनों ही समाज के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण हैं। संन्यासी के पास ज्ञान होता है, जबकि गृहस्थ के पास कर्म होता है। इन दोनों को एक साथ जोड़ने पर ही एक श्रेष्ठ समाज का निर्माण हो सकता है। लेखक यह भी कहते हैं कि ज्ञान और कर्म को अलग करने से विषमता उत्पन्न होती है। इसलिए, यह आवश्यक है कि दोनों को एक साथ जोड़ा जाए। उन्होंने "मुख में कविता और करघे पर हाथ" का आदर्श प्रस्तुत किया है। इस आदर्श में ज्ञान और कर्म का समन्वय है। इस प्रकार, गद्यांश के आधार पर यह स्पष्ट है कि लेखक के अनुसार, श्रेष्ठ समाज वह है जिसके सदस्य ज्ञान और कर्म को बराबर महत्व देते हैं। |