Practicing Success

Target Exam

CUET

Subject

Hindi

Chapter

Comprehension - (Narrative / Factual)

Question:
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर प्रश्न का उत्तर दीजिए :-
प्रथम विश्व युद्ध से पहले का समय,लोकप्रिय आंदोलनों का गहराई से मूल्यांकन करने हेतु एक उपयुक्त तरीका रहा है|
चूंकि यह सहज था, यह अंशत: प्रभावित व प्रबुद्धता विचारधाराओं, उद्देश्यों तकनीकों से अधिक कुछ नहीं था |
ऐसी संहिता की सीमाएं लगभग स्पष्ट हैं | लोकप्रिय आंदोलन तत्कालीन भारतीय अत्याचारों के विरुद्ध लक्षित थे ना
कि दूरस्थ श्वेत वरिष्ठ पर, और इसलिए यह अधिकतर जानबूझकर या आत्म निष्ठ रूप से गैर साम्राज्यवादी नहीं थे|
यह स्थान और समय की दृष्टि से काफी व्यापक रूप में पृथक थे और अत्याधिक उग्र थे, जिसमें अभिव्यक्तिकरण के
विभिन्न सामाजिक रूप एक दूसरे के साथ विस्मयकारी सुगमता को समाविष्ट कर रहे थे | यह सब कृषक राष्ट्रवाद की
अवधारणा को बिना कुछ अर्हताओं के प्रबुद्ध देशभक्ति की विचारधाराओं और आंदोलनों के लिए सुसंगत विकल्प के
रूप में स्वीकारना और कठिन बनाना है | नि:संदेह कई बार लोकप्रिय पहल और स्वायत्तता विशिष्ट थी, परंतु मध्यमवर्गीय
राष्ट्रवाद जिसमें कम से कम विचारधारा के स्तर पर कतिपय निरंतरता है, सन् 1870 के दशक से "ड्रेन ऑफ वेल्थ थ्योरी"
के निर्माण के साथ जिन आंदोलनों पर विचार किया गया, वे स्पष्टत: खंडित थे | फिर भी ऐसी सीमाओं और परिपक्वता के
बावजूद लोकप्रिय असंतोष मुद्दों और संघर्ष के रूपों के आलोक में मध्यम वर्गीय राष्ट्रवाद को काफी हद तक समझता है,
यद्यपि इसके विशिष्ट लाभ कई बार नगण्य थे | वन अधिकार, किराय का भार , सूदखोरी और भू राजस्व , रोपण श्रमिक शोषण
और श्रमिक शिकायत इत्यादि को बाद में मध्यवर्गीय राष्ट्रवाद ने अपने साथ ले लिया |
गद्यांश के आधार पर 'कृषक राष्ट्रवाद' सम्बन्धी मुद्दा क्या है?
Options:
प्रबुद्ध राष्ट्रवाद का एक व्यवहार्थ विकल्प
संगतता और नियंत्रण में रहना
निरंतरता की कमी
समयानुरूप होना
Correct Answer:
निरंतरता की कमी
Explanation:
गद्यांश के अनुसार 'कृषक राष्ट्रवाद' सम्बन्धी मुद्दा में निरंतरता की कमी थी | कृषक राष्ट्रवाद की
अवधारणा को बिना कुछ अहर्ताओं के प्रभुद्ध देशभक्ति की विचारधाराओं और आन्दोलनों के लिए
सुसंगत विकल्प के रूप स्वीकारना और कठिन बनाना है|