प्रस्तुत गद्यांश से प्रश्न का उत्तर दीजिए। वहाँ लोगों ने मुझसे कहा कि श्रीनिवासजी हाइकोर्ट के वकील हैं। उनके पास सिक्कों और कांस्य और पीतल की मूर्तियों का बड़ा अच्छा संग्रह है। संध्या समय उनके यहाँ गया। श्रीनिवासजी भले लोग थे, यद्यपि इन चीज़ों का व्यापार भी करते थे। भलमनसाहत और इन चीज़ों का व्यापार परस्पर विरोधी हैं। मैं एक रुपए में तीन अठन्नी भुनाना चाहता हूँ। व्यापारी अपने एक रुपए का मूल्य तीन रुपया रखता है। श्रीनिवास जी भलेमानस विक्रेता थे। उनसे मैंने चार-पाँच सौ रुपए की पीतल और कांस्य की मूर्तियाँ लीं। बहुत से सिक्के उन्होंने मुझे मुफ़्त में ही दे दिए। उनके यहाँ चार-पाँच बड़े-बड़े नटराज भी थे। पर उनके दाम बीस- बीस, पचीस-पचीस हजार रुपए थे। मैंने सरसरी तौर से उन्हें देख भर लिया। |
श्रीनिवासजी के पास किस चीज का संग्रह था। |
सोने की मूर्तियों का हीरके की मूर्तियों का पीतल की मूर्तियों का लोहे की मूर्तियों का |
पीतल की मूर्तियों का |
सही उत्तर विकल्प (3) है → पीतल की मूर्तियों का |