Practicing Success
निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर प्रश्न का उत्तर दीजिए:- "सच हम नहीं ,सच तुम नहीं सच है महज संघर्ष ही संघर्ष से हट कर जिए तो क्या जिए हम या की तुम| जो नत हुआ वह मृत हुआ ज्यों वृंत से झर कर कुसुम| जो लक्ष्य भूल रुका नहीं| जो हार देख झुका नहीं| जिसने प्रणय पाथेय माना जीत उसकी ही रही| सच हम नहीं,सच तुम नहीं| ऐसा करो जिससे न प्राणों में कहीं जड़ता रहे| जो है जहाँ चुपचाप अपने-आप से लड़ता रहे| जो भी परिस्थितियाँ मिलें काँटे चुभें, कलियाँ खिलें| हारे नहीं इनसान, संदेश जीवन का यही|" |
"जो है जहाँ चुपचाप अपने-आप से लड़ता रहे" पंक्ति में अपने आप से लड़ने का तात्पर्य क्या है? |
खुद से लड़ाई करना सबसे छुपकर लड़ना अपनों से निरंतर संघर्ष कर आगे बड़ना विपरीत स्थितियों को अनुकूल बनाने के लिए निरंतर संघर्षरत रहना |
विपरीत स्थितियों को अनुकूल बनाने के लिए निरंतर संघर्षरत रहना |
"जो है जहाँ चुपचाप अपने-आप से लड़ता रहे" पंक्ति में अपने आप से लड़ने का तात्पर्य यह है की विपरीत स्थितियों को अनुकूल बनाने के लिए निरंतर संघर्षरत रहना| |