Practicing Success
निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ कर प्रश्न का उत्तर दीजिए:- ब्रह्मा से कुछ लिखा भाग्य में मनुज नहीं लाया है, अपना सुख उसने अपने भुजबल से ही पाया है| प्रकृति नहीं डर कर झुकती है कभी भाग्य के बल से, सदा हारती वह मनुष्य के उद्यम से, श्रमजल से| ब्रह्मा का अभिलेख पढ़ा- करते निरुद्यमी प्राणी, धोते वीर कु-अंक भाल के बहा धुर्वों से पानी| भाग्यवाद आवरण पाप का और शस्त्र शोषण का जिससे रखता दबा एक जन भाग दूसरे जन का | |
भाग्य-लेख कैसे लोग पढ़ते हैं? |
कर्मशील प्राणी ज्ञानशील प्राणी उद्धमी प्राणी निरुद्धमी प्राणी |
निरुद्धमी प्राणी |
भाग्य-लेख वो लोग पढ़ते हैं जो निरुद्धमी प्राणी होते हैं अर्थात जो श्रम करने से जी चुराते हैं वे ही भाग्य पर विश्वास रखते हैं| |