निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दें। एक समय था, जब हमारे देश में वनों की कोई कमी नहीं थी, आबादी कम थी और बड़े-बड़े शहरों का विकास नहीं हुआ था। गाँव और बस्तियाँ अधिकतर जंगलों के किनारे बसे हुए थे। ग्रामीण जीवन में वनों का विशिष्ट स्थान था। वन भारतीय जीवन के स्रोत थे। यह सुखद संस्मरण अब भूतकाल की बात हो गई है। वर्तमान जीवन बड़े-बड़े महानगरों में सीमेंट, लोहे और कंक्रीट के जंगल में कैद है। अब स्वच्छ वायु, प्राकृतिक दृश्य, वनों की छटा सब कुछ स्वप्न बनकर रह गए हैं। वर्तमान विशेषज्ञों का कहना है कि देश के कम से कम 40 प्रतिशत भाग में वन होने आवश्यक हैं, परंतु दुर्भाग्य यह है कि मात्र 23 प्रतिशत भाग में वन शेष रह गए हैं। वनों की घटती संख्या के कारण हैं बढ़ती हुई जनसंख्या, फैलते हुए मैदान, बड़े-बड़े उद्योगों की स्थापना और आधुनिक सभ्यता वनों के बिना सभी प्राणियों का जीवित रहना बहुत कठिन है। |
वनों के बिना बहुत कठिन है - |
जानवरों का जीवित रहना सभी प्राणियों का जीवित रहना खेल के मैदान का होना समुचित वर्षा का होना |
सभी प्राणियों का जीवित रहना |
सही उत्तर विकल्प (2) है → सभी प्राणियों का जीवित रहना |