Practicing Success
निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ कर प्रश्न का उत्तर दीजिए:- कोलाहल हो, या सन्नाटा,कविता सदा सृजन करती है, जब भी आँसू हो जीवन में, कविता सदा जंग लडती है| यात्राएँ जब मौन हो गई, कविता ने जीना सिखलाया | जब भी तम का जुल्म चढ़ा है, कविता नया सूर्य गढती है, जब गीतों की फसलें लुटती शील हरण होता कलियों का, शब्दहीन जब हुई चेतना हुआ पराजित, तब-तब चैन लुटा गलियों का जब भी कर्ता हुआ अकर्ता, जब कुरसी का कंस गरजता, कविता स्वयं कृष्ण बनती है| अपने भी हो गए पराए कविता ने चलना सिखलाया| यूँ झूठे अनुबंध हो गए, घर में ही वनवास हो रहा | यूँ गूंगे सम्बन्ध हो गये| |
कविता मनुष्य को कब जीना सीखाती है? |
जब परिश्रम करने वाले लोग अकर्मण्यता का शिकार हो जातें है जब लोग परिश्रम करने लग जातें है जब लोग दूसरों की आलोचना करने लगते है जब लोग मिलकर साथ साथ चलते है| |
जब परिश्रम करने वाले लोग अकर्मण्यता का शिकार हो जातें है |
जब परिश्रम करने वाले लोग अकर्मण्यता का शिकार हो जातें है तब कविता उन्हें जीना सिखाती है| |