Practicing Success
निम्नलिखित काव्यांश ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्न का उत्तर दीजिए -
फिर से नहीं आता समय जो एक बार चला गया, जग में कहो बाधारहित कब कौन काम हुआ भला। बहती नदी सूखे अगर उस पार में इसके चलूँ, इस सोच में बैठा पुलिन पर , पार जा सकता भला? किस रीती से काम, कब करना बनाकर योजना, मन के लिए आशा प्रबल , दृढ़ जो वही बढ़ जाएगा। उसको मिलेगा तेज बल अनुकूलता सब और से कब कर्म योगी, वीर, अनुपम साहसी सुख पायेगा। यह वीर भोग्या , जो हृदय तल में बनी वसुधा सदा, करती रही आह्वान है , युग वीर का पूरूतत्व का । कठिनाइयों में खोज का पथ, ज्योति पूरित जो करें , विजयी वही होता धरणि- सुत वरण कर अमरतत्व का। |
धरणि- सुत किसे कहा गया है? |
सामान्य व्यक्ति को सामान्य जीवन को सामान्य वीर व्यक्ति को स्त्री पुरुष की समानता को |
सामान्य वीर व्यक्ति को |
धरणि - सुत अर्थात धरती का पुत्र सामान्य वीर व्यक्ति को कहा गया है ऐसा व्यक्ति कठिनाइयों के मध्य अपना रास्ता खोज निकालता है उसकी दृढ़ता उसे विजयी बनाती है। |