Practicing Success

Target Exam

CUET

Subject

Hindi

Chapter

Comprehension - (Poetry / Literary)

Question:

जाती हुई धूप संध्या की

सेंक रही है मां

अपना अप्रासंगिक होना

देख रही है मां

 

 भरा हुआ घर है

नाती-पोतों से, बच्चों से

अनबोला बहुओं का बोले

बंद खिड़कियों से

 

इधर-उधर उड़ती सी नज़रें

फेंक रही है मां

 

फूली सरसों नहीं रही

अब खेतों में मन के

पिता नहीं हैं, अब नस-नस

क्या कंगन सी खनकें

 

रस्ता धकी हुई यादों का

छेंक रही है मां

कविता का मूल भाव क्या है?

Options:

कवि की स्मृतियाँ

माँ की स्मृतियाँ

माँ का जीवन के ढलान पर जीवन-यापन करना

वृद्ध माँ की स्मृतियों में खुद को खोना

Correct Answer:

माँ का जीवन के ढलान पर जीवन-यापन करना

Explanation:

कविता का मूल भाव माँ का जीवन के ढलान पर जीवन-यापन करना है। कविता में, माँ को एक बुजुर्ग महिला के रूप में चित्रित किया गया है, जो अपने परिवार में अप्रासंगिक महसूस कर रही है। वह अपने अतीत की यादों में खो जाती है, जब उसका परिवार छोटा था और वह अपने बच्चों और पति के लिए महत्वपूर्ण थी।

कविता की शुरुआत में, कवि माँ को संध्या की धूप में बैठे हुए दिखाता है। धूप का प्रतीक है समय का धीमा-धीमा बीत जाना। माँ अपने जीवन के ढलान पर है, और वह अपने जीवन के बीते हुए दिनों को याद कर रही है।

कविता में, माँ के घर में उसके बच्चे, नाती-पोते और बहुएँ रहती हैं। लेकिन माँ को लगता है कि वह उनके लिए अब कोई मायने नहीं रखती है। वह अपने बच्चों और पति के साथ बिताए गए दिनों को याद कर रही है, जब वह उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति थी।

कविता के अंत में, माँ अपने अतीत की यादों में खो जाती है। वह अपने बच्चों के साथ खेतों में खेलती हुई, अपने पति के साथ प्रेम-संवाद करती हुई, और अपने परिवार के साथ खुशी से रहने वाली यादों में खो जाती है।

इस प्रकार, कविता का मूल भाव माँ का जीवन के ढलान पर जीवन-यापन करना है। कविता माँ की उदासी और अकेलेपन को व्यक्त करती है।