Practicing Success

Target Exam

CUET

Subject

Hindi

Chapter

Comprehension - (Poetry / Literary)

Question:

निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ कर प्रश्न का उत्तर दीजिए :-
समस्याओं का हल ढूँढने की क्षमता पर एक अध्ययन किया गया| इसमें
भारत में तीन तरह के बच्चों के बीच तुलना की गई - एक तरफ वे बच्चे
जो दुकानदारी करते हैं पर स्कूल नहीं जाते , दूसरे ऐसे बच्चे जो दुकान
सँभालते हैं और स्कूल भी जाते हैं और तीसरा समूह उन बच्चों का था जो
स्कूल जातें हैं पर दुकान पर कोई मदद नहीं करते|
उनसे गणना के व इबारती सवाल पूछे गए| दोनों ही तरह के सवालों में
उन स्कूली बच्चों ने जो दुकानदार नहीं हैं,मौखिक गणना या मनगणित
का प्रयोग बहुत कम किया, बनिस्बत उनके जो दुकानदार थे| स्कूली
बच्चों ने ऐसी गलतियाँ भी कीं,जिनका कारण नहीं समझा जा सका| इससे
यह साबित होता है की दुकानदारी से जुड़े हुए बच्चे हिसाब लगाने में गलती
नहीं कर सकते क्योंकि इसका सीधा असर उनके काम पर पड़ता है, जबकि
स्कूलों के बच्चे वही हिसाब लगाने में अक्सर भयंकर गलतियाँ कर देते हैं|
इससे यह स्पष्ट होता है की जिन बच्चों को रोजमर्रा की जिन्दगी में एस तरह के
सवालों से जूझना पड़ता है, वे अपने लिए जरूरी गणितीय क्षमता हासिल कर
लेते हैं|
लेकिन साथ ही इस बात पर भी गौर करना महत्वपूर्ण है की एस तरह की दक्षताएँ
एक स्तर तक और एक- कार्य- क्षेत्र तक सीमित होकर रह जाती हैं| इसलिए वे
सामाजिक व सांस्कृतिक परिवेश जो की ज्ञान को बनाने व बढ़ाने में मदद करते हैं,
वही उस ज्ञान को संकुचित और सीमित भी कर सकते हैं|

दुकानदार बच्चे हिसाब लगाने में प्राय: गलती क्यों नही करते?

Options:

वे कभी गलती नही करते |

ग़लती का असर उनके काम पर पड़ता है|

इससे उन्हें माता-पिता से डांट पड़ेगी |

वे जन्म से ही बहुत दक्ष हैं|

Correct Answer:

ग़लती का असर उनके काम पर पड़ता है|

Explanation:

गद्यांश के अनुसार, दुकानदार बच्चे हिसाब लगाने में प्राय: गलती नहीं करते क्योंकि ग़लती का असर उनके काम पर पड़ता है। गद्यांश में बताया गया है कि दुकानदारी करने वाले बच्चों को अपने काम में हिसाब-किताब का इस्तेमाल करना पड़ता है। यदि वे गलत हिसाब लगाते हैं, तो इससे उनके काम में गड़बड़ी हो सकती है और उन्हें नुकसान हो सकता है। इसलिए, वे हिसाब लगाने में बहुत सतर्क रहते हैं और गलती नहीं करते।