उपर्युक्त पद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर दीजिए: झलकै अति सुन्दर आनन गौर, छके दृग राजत काननि छृ्वै। हँसि बोलन मैं छबि फूलन की बरषा, उर ऊपर जाति है हवै। लट लाट कपोल कलोल करै, कल कंठ बनी जललावलि द्वै। अंग अंग तरंग उठै दुति की, परिहे मनौ रूप अवै धर च्वै ।।2।। |
प्रस्तुत पंक्तियों की विषय वस्तु है: |
स्त्री शोषण नायिका का सौंदर्य घनानंद की वैचारिकी जादुई यथार्थ |
नायिका का सौंदर्य |
सही उत्तर विकल्प (2) है → नायिका का सौंदर्य |