निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ कर प्रश्न का उत्तर दीजिए:- इसमें कोई संदेह नहीं है कि यथार्थ के रूप में बाजार और सिद्धांत के रूप में राजनीतिक अर्थव्यवस्था की उदारवादी स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका थी |परंतु उदारवाद ना तो इनका परिणाम है और ना ही इनका विकास | बल्कि उदारवादी स्थापना में बाजार ने परीक्षण- सुविधायुक्त अनुभव के अधिकेंद्र जहां कोई सरकारी तंत्र की अत्यधिक भूमिका के परिणामों को चिन्हित कर सकता है और अपने महत्व को आकलन भी कर सकता है, की भूमिका निभायी | अठारहवीं शताब्दी के मध्य में अभाव अथवा और अधिक सामान्य रूप से खदान व्यापार के अभाव के तंत्र में से संबंधित विश्लेषण का उद्देश्य इस बिंदु को परिलक्षित करना था जिस पर सरकार का हमेशा अत्यधिक नियमन कर रही थी| अतः मूल्य निर्माण और धन के परिचालन को साक्ष्य के रूप में मूर्त रूप देने के लिए विश्लेषण या इसके विपरीत व्यक्तिगत लाभ चाहना और सामूहिक धन का विकास- किसी मामले में अर्थशास्त्र के मध्य संबंध की आंतरिक अमूर्तता के पूर्वानुमान विषयक विश्लेषण के माध्यम से आर्थिक प्रक्रिया का इष्टतम विकास तथा सरकारी प्रतिक्रियाओं का अधिकतम नियमन के चलते मूलभूत असामंजस्य की अभिव्यक्ति विचारों की क्रीड़ा से अधिक इसके माध्यम से फ्रांसीसी और अंग्रेज अर्थशास्त्री वाणिज्यवाद परंपरा के विमर्श को राज्य की युक्ति, और सरकारी हस्तक्षेप की संता के आधिपत्य से मुक्त किया 'अत्याधिक नियमन' के उपाय के रूप में इसका प्रयोग करते हुए उन्होंने इसे सरकारी कार्रवाई की सीमा के ऊपर रखा | स्पष्ट है कि उदारवाद का उद्भव आर्थिक विकास से अधिक न्यायिक विचार से नहीं हुआ | वह राजनितिक समुदाय का विचार नहीं है, बल्कि सरकार की उदारवादी प्रौद्योगिकी के अन्वेषण सहज परिणित है| |
उदारवादी स्थापना को मूर्त रूप देने के लिए किस प्रकार के साक्ष्य की आवश्यकता थी? |
धन के परिचालन व्यक्तिगत लाभ का पूर्वानुमान खाद्धान की आपूर्ति में कमी विकास का बेमेल होना |
धन के परिचालन |
उदारवादी स्थापना को मूर्त रूप देने के लिए धन के परिचालन को साक्ष्य की आवश्यकता थी| मूल्य निर्धारण और धन के परिचालन को साक्ष्य रूप में मूर्त रूप देने के लिए विश्लेषण या इसके विपरीत व्यक्तिगत लाभ चाहना और सामूहिक धन का विकास यथार्थ इ रूप में बाजार और सिद्धांत के रूप में राजनितिक अर्थव्यवस्था की उदारवादी स्थापना महत्वपूर्ण थी| |