Practicing Success
निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढकर प्रश्न का उत्तर दीजिए:- हे कृष्ण! जरा सुनिए, सच है की झूठ का मन में गुनिए धूलों में था मैं पड़ा हुआ, किसका स्नेह पा बड़ा हुआ, किसने मुझको सम्मान दिया? नृपता दे महिमावान किया| तन,मन,धन दुर्योधन का है| यह जीवन दुर्योधन का है| सुरपुर से भी मुख मोडूँगा, केशव! मैं उसे न छोडूंगा | मित्रता बड़ा अनमोल रत्न कब इसे तौल सकता है धन? धरती की तो है क्या बिसात? आ गए अगर बैकुंठ हाथ, उसको भी न्योंछावर कर दूँ कुरुपती के चरणों में रख दूँ| |
कर्ण दुर्योधन का साथ क्यों नहीं छोड़ सकता? |
दुर्योधन ने उसे राजा बनाकर सम्मानित किया दुर्योधन बड़ा वीर था दुर्योधन कृष्ण का दुश्मन था कर्ण दुर्योधन का ऋणी था |
दुर्योधन ने उसे राजा बनाकर सम्मानित किया |
कर्ण दुर्योधन का साथ इसलिए नही छोड़ सकता था क्योंकि दुर्योधन ने उसे राजा बनाकर सम्मानित किया था| |