निम्रलिखित गद्यांशा को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए। "साहित्योत्रति के साधनों में पुस्तकालयों का स्थान अत्यंत महत्त्वपूर्ण हे। इनके द्वारा साहित्य के जीवन की रक्षा, पुष्टि और अभिवृद्धि होती है। पुस्तकालय सभ्यता के इतिहास का जीता-जागता उदाहरण है। इसी के बल पर वर्तमान भारत को अपने अतीत गौरव पर गर्व है। पुस्तकालय भारत के लिए कोई नई वस्तु नहीं है। लिपि के अविष्कार से आज तक लोग निरतर पुस्तकों का संग्रह करते रहे हैं। पहले देवालय, विद्यालय और नृपालय इन संग्रहों के प्रमुख स्थान होते थे। इनके अतिरिक्त, विद्दुज्जनों के अपने निजी पुस्तकालय भी होते थे। मुद्रणकला के आविष्कार से पर्व पुस्तकों का संग्रह करना आजकल की तरह सरल बात न थी। आजकल साधारण स्थिति के पुस्तकालय में जितनी संपत्ति लगती है, उतनी उन दिनों कभी-कभी एक-एक पुस्तक की तैयारी में लग जाया करती थी। भारत के पुस्तकातय संसार भर में अपना सानी नहीं रखते थे। प्राचीनकाल से मुगल सम्राटों के समय तक यही स्थिति रही। चीन, फारस प्रभृति सुदूरस्थित देशों से झुंड-के-झुंड विद्यानुरागी लंबी यात्राएँ करके भारत आया करते थे।" |
'पुस्तकालय' में कौन-सा समास है - |
अव्ययीभाव समास बहुव्रीहि समास तत्पुरुष समास द्वन्द्व समास |
तत्पुरुष समास |
सही उत्तर विकल्प (3) है → तत्पुरुष समास |