Practicing Success
निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ कर प्रश्न का उत्तर दीजिए:- ब्रह्मा से कुछ लिखा भाग्य में मनुज नहीं लाया है, अपना सुख उसने अपने भुजबल से ही पाया है| प्रकृति नहीं डर कर झुकती है कभी भाग्य के बल से, सदा हारती वह मनुष्य के उद्यम से, श्रमजल से| ब्रह्मा का अभिलेख पढ़ा- करते निरुद्यमी प्राणी, धोते वीर कु-अंक भाल के बहा धुर्वों से पानी| भाग्यवाद आवरण पाप का और शस्त्र शोषण का जिससे रखता दबा एक जन भाग दूसरे जन का | |
भाग्यवाद को 'पाप का आवरण' क्यों कहा गया है? |
क्योंकि इससे पाप को बढ़ावा मिलता है| क्योंकि इससे पाप छुप जाता है| क्योंकि इससे पाप की रक्षा होती है| क्योंकि पाप इससे जम जाता है| |
क्योंकि इससे पाप को बढ़ावा मिलता है| |
भाग्यवाद को 'पाप का आवरण' इसलिए कहा गया है क्योंकि इसकी ओट में पाप-कर्म को बढ़ावा मिलता है| |