गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए। जीवन में सफलता के लिए परिश्रम नितांत आवश्यक है। आलसी, अनुद्योगी और अकर्मण्य व्यक्ति जीवन के किसी क्षेत्र में सफल नहीं होता। सफलता परिश्रम की दासी है। वह परिश्रमी व्यक्ति के चरण चूमने को सदा तत्पर रहती है। विश्व में जितने भी महान व सफल प्राणी हुए हैं, वे प्रतिभाशाली होने के साथ-साथ परिश्रमी भी थे। बोझा ढोने वाला तेनजिंग अपने उद्यम के बल पर ही एवरेस्ट पर विजय पताका फहरा सका। नेपोलिन, अब्राहम लिंकन, गांधी, विश्व के तेज़ धावक, खिलाडी, वक्ता, नेता, अभिनेता, गायक- सभी संघर्ष और परिश्रम द्वारा ही शिखर पर पहुंचे हैं। नेपोलियन के शब्दकोश में तो 'असंभव' जैसा कोई शब्द ही नहीं था। उद्योग और कठिन परिश्रम से ही मनुष्य की कार्य सिद्धि होती है, केवल इच्छा मात्र से नहीं; जैसे सोते हुए सिंह के मुख में मृग स्वयं नहीं घुसते। मनुष्य ने जितना अधिक संघर्ष किया, परिश्रम किया, अंत में उतनी ही अधिक उन्नति की। |
नीचे दो कथन दिए गए है: कथन I: आलसी और अकर्मण्य व्यक्ति को ही सफलता वरण करती है। उपर्युक्त कथन के आलोक में, नीचे दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त उत्तर का चयन कीजिए: |
कथन I और कथन II दोनों सही है कथन I और कथन II दोनों गलत है कथन I सही है, लेकिन कथन II गलत है कथन I गलत है, लेकिन कथन II सही है |
कथन I और कथन II दोनों गलत है |
सही उत्तर विकल्प (2) है → कथन I और कथन II दोनों गलत है |