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विभस्त रस का स्थायी भाव क्या होता है? |
क्रोध उत्साह शोक जुगुप्सा |
जुगुप्सा |
विभस्त रस का स्थायी भाव जुगुप्सा होता है। जुगुप्सा का अर्थ है घृणा, विकर्षण, अरुचि। यह एक नकारात्मक भाव है जो किसी घृणित या अप्रिय वस्तु या स्थिति को देखकर उत्पन्न होता है। विभस्त रस का उदाहरण है:
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