निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर प्रश्न का उत्तर दीजिए:- सूरदास हिंदी के यशस्वी भक्त थे| उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीला का जैसा चित्रण किया है वह विश्व साहित्य में दुर्लभ है| अधिकतर विद्वानों के मतानुसार सूरदास का जन्म दिल्ली के निकट बल्लभगढ़ से लगभग दो किलोमीटर दूर पर 'सीही' नामक ग्राम में हुआ था| वह जाति से ब्राह्मण थे किशोरावस्था में संसार से विरक्त होकर मथुरा चले गए| वहीं उन्होंने पद रचना आरम्भ कर दिए एंव स्वामी वल्लभाचार्य ने उनको अपना शिष्य बनाया| उनकी आज्ञा से सूरदास ने संस्कृत में श्रीमद्भागवत पुराण के आधार पर श्रीकृष्ण की लीलाओं का पदशैली में वर्णन किया| ऐसा माना जाता है की सूरदास जन्मांध थे परन्तु उनके काव्य के वर्ण्य विषय से स्पष्ट होता है की शायद ऐसी बात नहीं होगी क्योंकि उन्होंने अपनी कविता में जिस भव्यता का वर्णन किया है वैसा वर्णन वस्तुओं को भली-भांति देखने के बाद ही किया जाता है| |