Target Exam

CUET

Subject

Hindi

Chapter

Comprehension - (Poetry / Literary)

Question:

निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ कर प्रश्न का उत्तर दीजिए:-
क्या आपने कभी महसूस किया है कि किसी सवाल का सही उत्तर मिल जाने के
बाद सिर्फ उकताहट के सिवा कुछ बाकी नहीं बचता| इसके बाद सारे रास्ते बंद से
लगने लगते हैं| दूसरी और एक गलत जवाब उतना ही रोचक होता है जितना कोई
रहस्मय कत्ल! मुझे इस बात पर आश्चर्य होता है की अपने अट्ठाईस वर्षों के अध्ययन के
अनुभव में मैंने गलत उत्तरों से कितना कुछ सीखा है| अपनी खुद की और
अपने विधार्थियों, दोनों द्वारा की गई गलतियों से| अब जब भी कोई विद्यार्थी
किसी प्रश्न का गलत उत्तर देता है तो मैं उससे सबसे पहले यह पूछता हूँ की उसने
ऐसा उत्तर क्या सोचकर दिया?
कला -संकाय के छात्र अकसर यह शिकायत करते हैं की विज्ञान-सम्बन्धी परीक्षाएं उतनी
रोमांचक नहीं होती क्योंकि उनके प्रश्नों और उत्तरों का सही-सही अनुमान लगाया जा सकता है|
यदि व्यक्ति को किसी प्रश्न को हल करने का तरीका पहले से ही मालूम है तो उसके लिए कोई
चुनौती नहीं बचती|यह सही है, भौतिक विज्ञान के शिक्षक बहुत कड़ी मेहनत करते हैं और सुनिश्चित्न
करना चाहते हैं की उनके विद्यार्थी सही उत्तर तक पहुँच पाएं|
हालांकि यह भी सच है की भौतिक विज्ञान के शिक्षक के लिए सबसे मजेदार स्थिति तब पैदा होती है,
जब विद्यार्थी एक ऐसा गलत जवाब दे जिसमें गलती होते हुए भी कुछ सोचने के लिए मजबूर कर देने
की क्षमता हो| यही वह स्थिति है जब भौतिकी के किसी पहलू पर पकड़ बनाने की कोशिश कर रहे
विद्यार्थी के दिमाग की कशमकश को समझा जा सकता है|
बहुत-से गलत जवाबों की तह में कुछ सही तथ्य और सोचने की शक्ति छुपी होती है| हो सकता है की उत्तर
देने वाला अपना तर्क सही न दे पाया हो,या फिर ऐसा भी हो सकता है की जिस रूप में उसके समक्ष तथ्य
प्रस्तुत किए गए उन्हीं में कोई कमी रह गई हो| हो सकता है की भौतिक विज्ञान के सहज नियमों को समझने
में ही कोई भूल हुई हो|

लेखक ने अपने और अपने विद्यार्थियों के गलत जवाब से क्या सीखा ?

Options:

सवालों के सही जवाब|

लोगों के सोचने के तरीके अलग-अलग होते है|

गलत जवाब देने से रोमांच समाप्त हो जाता है|

लोग गलत जवाब देकर रोमांच महसूस करते है|

Correct Answer:

लोगों के सोचने के तरीके अलग-अलग होते है|

Explanation:

गद्यांश के आधार पर, लेखक ने अपने और अपने विद्यार्थियों के गलत जवाब से लोगों के सोचने के तरीके अलग-अलग होते हैं यह सीखा है। गद्यांश में कहा गया है कि लेखक ने अपने अट्ठाईस वर्षों के अनुभव में गलत उत्तरों से बहुत कुछ सीखा है, जिसमें अपनी खुद की और अपने विद्यार्थियों की गलतियां शामिल हैं। लेखक का मानना है कि गलत जवाबों से लोगों के सोचने के तरीके को समझा जा सकता है।