निम्नलिखित गद्यांश को ध्यान पूर्वक पढ़ कर प्रश्न का उत्तर दीजिए:- बाजीराव द्वितीय' अंतिम पेशवा थे| 181 8 ईसवी में अंग्रेजों ने पेशवाई ख़त्म कर दी और बाजीराव को आठ लाख रुपए वार्षिक पेंशन दे दी तथा बिठूर जागीर भी | बाजीराव को बीठूर जाना पड़ा | वहीं रहने लगे | चिमाजी अप्पा बाजीराव के भाई थे| वे काशी चले गए| पूना में रह ही नहीं सकते थे| वहाँ अब रक्खा ही क्या था? मोरोपंत ताँबे पर चिमाजी की बड़ी कृपा थी| मोरोपंत उनके साथ काशी चले गए और उनका काम-काज करते रहे| उन्हें पचास रुपए मासिक वेतन मिलता था मोरोपंत ताँबे की पत्नी का नाम भागीरथी बाई था| भागीरथी बाई से मोरोपंत की एक पुत्री हुई| छुटपन में उसका नाम मनूबाई रखा गया| मनू का जन्म कार्तिक बदी चतुर्दशी संवत् 1891 विक्रम ( 19 नवंबर, सन् 1835 ईसवी ) के दिन हुआ| यही, बाद में हमारे देश के शूरवीरों की पताका, लक्ष्मीबाई कहलाई| जब मनू चार वर्ष की थी,माता भागीरथी बाई का देहांत काशी में हो गया | बाजीराव ने मोरोपंत को बिठूर बुला लिया| मनु इतनी सुंदर थी की छुटपन में ही बाजीराव बड़े प्यार के साथ उसे 'छबीली' कहकर पुकारते थे| |
बाजीराव को क्या मिला ? |
आठ लाख रुपए बिठूर की जागीर आठ लाख रुपए की वार्षिक पेंशन और बिठूर की जागीर अंग्रेजों से कुछ नहीं मिला |
आठ लाख रुपए की वार्षिक पेंशन और बिठूर की जागीर |
बाजीराव को आठ लाख रुपए की वार्षिक पेंशन और बिठूर की जागीर मिली | |