निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए- हरि गोकुल कि प्रीति चलाई। सुनहु उपॅंगसुत मोहिं न बिसरत ब्रजवासी सुखदाई॥ यह चित्त होत जाऊँ में अबही, यहाँ नहीं मन लागत। गोप सुग्वाल गाय बन चारत अपि दुख पायो तयागत॥ कहँ माखन चोरी? कह जसुमति 'पूत जेंव' करी प्रेम। सूर श्याम से वचन सहित सुनी व्यापत आपन नेम ॥ |
प्रस्तुत पद्यांश के रचयिता कौन हैं? |
हरि श्याम सूर उपाँगसुत |
सूर |
सही उत्तर विकल्प (3) है → सूर |