निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के लिए सही विकल्प चुन कर लिखिए --- |
कर्म पगडंडी किसे कहते हैं ? |
जीवन की उलझनों को जीवन की मुश्किलों को जीवन की कठोर साधना को जीवन की सुविधाओं को |
जीवन की कठोर साधना को |
काव्यांश में, कवि राही को संबोधित करते हुए कह रहा है कि जीवन में कठिन कर्म पगडंडी पर चलना पड़ता है। इसमें अनेक बाधाएँ आती हैं, जैसे कि कांटे, दूर्बादल, सरिता सर, सुंदर गिरी, वन और वापी आदि। इन बाधाओं से विचलित न होकर, अपने मार्ग पर दृढ़ता से चलना चाहिए। जब कठिन कर्म पगडंडी पर राही का मन उन्मुख होगा, तब सपने सब मिट जाएँगे और कर्तव्य मार्ग सन्मुख होगा। तब अपनी प्रथम विफलता में भी पथ से विचलित नहीं होना चाहिए। इस प्रकार, कर्म पगडंडी से तात्पर्य जीवन की कठोर साधना से है। अन्य विकल्पों की व्याख्या निम्नलिखित है:
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