Practicing Success

Target Exam

CUET

Subject

Hindi

Chapter

Comprehension - (Poetry / Literary)

Question:

निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिये।

वह तोड़ती पत्थर;
देखा मैंने उसे इलाहाबाद के पथ पर -
वह तोड़ती पत्थर
कोई 
न छायादार
पेड़ 
वह जिसके तले बैठी हुई स्वीकार;
श्याम 
तनभर बंधा यौवन
नत 
नयनप्रिय-कर्म-रत-मन,
गुरू हथौड़ा हाथ,
करती बार-बार प्रहार,
सामने तरु-मालिका अट्टालिकाप्राकार।

कवि कविता के माध्यम से क्या संदेश देना चाहता है?

Options:

जीवन से निराश हुए बिना अपने कर्म को करना

अत्यन्त क्रोधित रहना

विषम परिस्थिति से घबराना

दुख का कारण दूसरों को मानना

Correct Answer:

जीवन से निराश हुए बिना अपने कर्म को करना

Explanation:

प्रस्तुत पद्यांश में कवि ने इलाहाबाद के रास्ते पर पत्थर तोड़ती एक श्याम तन वाली युवती का चित्रण किया है। कवि ने युवती के श्रमशील और कर्मठ स्वभाव का वर्णन किया है। वह युवती बिना किसी छायादार पेड़ के नीचे बैठकर पत्थर तोड़ रही है। उसका तन श्याम है और उसका यौवन भरपूर है। वह अपने प्रिय कर्म में रत है और एक मजबूत हथौड़े से बार-बार पत्थरों पर प्रहार कर रही है। उसके सामने तरु-मालिका, अट्टालिका और प्राकार हैं, जो उस युवती के श्रम से बिल्कुल विपरीत हैं।

कवि इस कविता के माध्यम से सामाजिक और आर्थिक विषमता को उजागर करना चाहता है। एक ओर इलाहाबाद में अमीर लोग तरु-मालिका, अट्टालिका और प्राकार जैसे आलीशान महलों में रहते हैं, तो दूसरी ओर गरीब लोग कड़ी धूप में पत्थर तोड़कर अपना जीवन यापन करते हैं। कवि इस विषमता के बावजूद युवती के कर्मठ स्वभाव की प्रशंसा करता है। वह युवती को प्रेरणा देता है कि वह जीवन से निराश हुए बिना अपने कर्म को करते रहना चाहिए।

इस प्रकार, कवि कविता के माध्यम से यह संदेश देना चाहता है कि जीवन में चाहे कितनी भी विषम परिस्थितियां आएं, हमें अपने कर्म को करते रहना चाहिए। हमें कभी भी निराश नहीं होना चाहिए।

अन्य विकल्पों की व्याख्या:

  • अत्यन्त क्रोधित रहना: कविता में युवती के क्रोध का कोई उल्लेख नहीं है। इसलिए यह विकल्प सही नहीं है।
  • विषम परिस्थिति से घबराना: कविता में युवती के घबराने का कोई उल्लेख नहीं है। इसलिए यह विकल्प सही नहीं है।
  • दुख का कारण दूसरों को मानना: कविता में युवती के दुख का कारण दूसरों को मानने का कोई उल्लेख नहीं है। इसलिए यह विकल्प सही नहीं है।